Tuesday, June 16, 2020

कौनसी घड़ी थी वो?

जाने कौनसी वो घड़ी थी जब दिल मे शादी करने की बात ने जगह बनाई थी
आज तक सोच रही हूँ के वो आग किसने लगायी थी

कुछ दिन पहले तक रात रात भर जागकार नए तरीके सोचती थी, के आये हुये रिश्तों में कौनसी खामी निकाली जाए
अचानक से मन में ख्याल आया के इस मिठाई को भी चखी जाए

एक दिन भाभी ने एक रिश्ता ढूंढ के मम्मी पापा को बता दिया
हमने भी बिना सोचे समझे उनमे इंटरेस्ट दिखा दिया

दिल और पेट में अजीब सी घबराहट तो तब हुई जब थोड़े ही दिनो में माता पिता उनके घर पहुंच गये
पहली बार तब एहसास हुआ के बेटा, अब तो बुरी तरह से फस गए

भगवान ने भी इतने में हार नही मानी
लड़के की पोस्टिंग उन्हीं दिनो मेरे ही शहर बैंगलोर में करवा डाली

बात फिर थोड़ी और आगे बड़ी। अंदर से फीलिंग हुई के ये पंगा तो लेना पड़ेगा
हमने सोचा, डरना क्या, कौनसा हमको कोई एक ही बार में देख कर पसंद कर लेगा

हद तो उस दिन पार हो गई जब लड़के वालों ने मिलने के बाद अगले ही  दिन हाँ कर दी
खुद को आईने में देख के भगवान को बोला, आपने तो आज लिमिट ही क्रॉस कर दी

आँखो के सामने अन्धेरा छाने लगा, फिर भी हमने हार नही मानी
शादी से बचने के अपने पुराने बहानो की लिस्ट बना डाली

एक एक करके वो बहाने मम्मी को सुनाये
वो हर बहाने को फुल्ल तोस्स (full toss) पे उड़ाये जाये

"दिल्ली का रहने वाला हैं, कितना कम बोलता हैं"
मम्मी ने कहा के इससे अच्छी बात भी भला कोई सोच सकता है

शादी से पहले मत निकालो लड़के में इतनी कमिया
वरना शादी के बाद कैसे निकलोगी हर बात में गल्तियां

2020 में पूरे हो गये हमारी शादी के 10 साल
अभी तक कुछ खास समझ नही आया हैं के किसने किसका किया है ज़्यादा बुरा हाल

चलती रहे सालो साल गाड़ी हमारी इसी confusion में
वैसे, बेटी पूरा फायदा उठाती हैं हमारी इस situation में

- निकिता

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